‘Adesh Hua Tha’, a poem by Amit Pamasi
आदेश हुआ था
भगवान का
कि सर्वनाश कर दो
राक्षसों का
इस धरती से
और मार डाला
वयस्क (धर्म) रक्षकों ने
पीट-पीटकर
दो मासूम बच्चों को
जिन्हें राक्षस का मतलब भी पता न था
राक्षस तो छोड़िए
उन्हें तो भगवान तक का पता न था
अभी दोनों की उम्र ही क्या थी
दहाई की संख्या ही शुरू थी
उनकी दुनिया तो
माँ बाप से लेकर दादू तक सिमटी थी
प्यार भरी झिड़कियों से भरी थी
पर (धर्म) रक्षकों की दुनिया
बहुत बड़ी थी- इतनी बड़ी
जिसमें डर था उन्हें, कि
ये मासूम बच्चे
वयस्क होने पर
माँगने लगेंगे अपने हिस्से का आसमान
अपने हिस्से का सम्मान
और उठाएँगे सवाल
भगवान और
राक्षस दोनों पर ही
तो,
(धर्म) रक्षकों की दुनिया हिलने लगेगी।