ऐसा भी कोई सपना जागे
साथ मिरे इक दुनिया जागे

वो जागे जिसे नींद न आए
या कोई मेरे जैसा जागे

हवा चली तो जागे जंगल
नाव चले तो नदिया जागे

रातों में ये रात अमर है
कल जागे तो फिर क्या जागे

दाता की नगरी में ‘नासिर’
मैं जागूँ या दाता जागे।

Book by Nasir Kazmi:

नासिर काज़मी
नासिर काज़मी उर्दू के एक मशहूर शायर हैं इनका जन्म 8 दिसंबर 1925 को पंजाब में हुआ। बाद में यह पाकिस्तान जाकर बस गए। बंग-ए-नौ, पहली बारिश आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 2 मार्च 1972 को हुई।