गंगा एक यहाँ बहती है, एक वहाँ आकाश में।

धरती की गंगा है निर्मल,
शर्बत से मीठा इसका जल,
हर प्यासे की प्यास बुझाती,
भारत का इतिहास सुनाती,

इसकी अच्छाई आयी थी गांधी और सुभाष में।

नभ की गंगा तारों वाली,
चाँदी रचे किनारों वाली,
रंगों भरी, फुहारों वाली,
चमकीली मँझधारों वाली,

हमें रात-भर नहलाती है ठण्डक भरे प्रकाश में।
गंगा एक यहाँ बहती है, एक वहाँ आकाश में।

Book by Balswaroop Rahi:

बालस्वरूप 'राही'
बालस्वरूप राही भारत के हिंदी कवि और गीतकार हैं। उनका जन्म 4 मई 1936 को ग्राम तिमारपुर, नई दिल्ली में हुआ था। वे अपने गीत और ग़ज़ल के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों के लिए कई गीत लिखे हैं।