फ़िक्शन

बुरांश

उल्कापिंड के गीले-गीले दीप

उदासीन गीत

तारिकाएँ

हताशा का अरण्य

देजा वू

 

अंकिता वर्मा
अंकिता वर्मा हिमाचल के प्यारे शहर शिमला से हैं। तीन सालों से चंडीगढ़ में रहकर एक टेक्सटाइल फर्म में बतौर मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव काम कर रही थीं, फिलहाल नौकरी छोड़ कर किताबें पढ़ रही हैं, लिख रही हैं और खुद को खोज रही हैं। अंकिता से [email protected] पर सम्पर्क किया जा सकता है!