नहीं बीतती अब ये लम्बी रात
नैना मुझसे कर लो कुछ बात
जब आ जाऊँ मैं संग तुम्हारे साथ
थिरकाओ चाँद के आगे अपना हाथ
गोरी उंगलियाँ चले मेरे गालों पर
मेरा सिर हो तुम्हारी ज़ानों पर
मैं गीत लिखूँ तेरे होठों पर
तुम गाओ उसको मेरे साथ
सब सुर मेरे छिपे तुम पर
तुम छिप जाओ मेरे साथ
तुम छू लो ज़ख़्म हरा कर दो
जीने की कुछ वजह दे दो
ऐसे छोड़ ना जाओ अब तुम
आओ न बनाओ बहाना तुम
नहीं बीतती अब ये लम्बी रात
नैना मुझसे कर लो कुछ बात
– अशान्त