एक शाम
घर की बालकनी से एक लड़की
मदहोश होकर
देख रही थी चुपके से
अपने महबूब को घटाओं में भीगते हूए

मैंने देखा उस लड़की ने
दोनों मुट्ठी बाँध
आँखें बंद कर
अपनी सारी तपन को
एक साँस में फेंक दिया
आसमान की ओर

उस रात क्या खूब तेज बिजली कड़की थी!

पुष्पेन्द्र पाठक
दिल्ली विश्वविद्यालय में शोधार्थी। Email- [email protected] Mobile- 9971282446