एक शाम
घर की बालकनी से एक लड़की
मदहोश होकर
देख रही थी चुपके से
अपने महबूब को घटाओं में भीगते हूए
मैंने देखा उस लड़की ने
दोनों मुट्ठी बाँध
आँखें बंद कर
अपनी सारी तपन को
एक साँस में फेंक दिया
आसमान की ओर
उस रात क्या खूब तेज बिजली कड़की थी!
एक शाम
घर की बालकनी से एक लड़की
मदहोश होकर
देख रही थी चुपके से
अपने महबूब को घटाओं में भीगते हूए
मैंने देखा उस लड़की ने
दोनों मुट्ठी बाँध
आँखें बंद कर
अपनी सारी तपन को
एक साँस में फेंक दिया
आसमान की ओर
उस रात क्या खूब तेज बिजली कड़की थी!