हमारे आँसुओं की आँखें बनाई गईं
हम ने अपने-अपने तलातुम से रस्सा-कशी की
और अपना-अपना बैन हुए
सितारों की पुकार आसमान से ज़ियादा ज़मीन सुनती है
मैंने मौत के बाल खोले
और झूठ पे दराज़ हुई
नींद आँखों के कंचे खेलती रही
शाम दोग़्ले-रंग सहती रही
आसमानों पे मेरा चाँद क़र्ज़ है
मैं मौत के हाथ में एक चराग़ हूँ
जनम के पहिए पर मौत की रथ देख रही हूँ
ज़मीनों में मेरा इंसान दफ़्न है
सज्दों से सर उठा लो
मौत मेरी गोद में एक बच्चा छोड़ गई है…