चलो बच्चों अब सोना है,
नानी मां ने बतलाया,
वो किस्सा चाँद पर बुढ़िया का,
आज फ़िर हमको सुनाया।
चंदा मामा पर बच्चों,
एक बूढ़ी अम्मा रहती है,
खूब काम वो करती है,
और रात को चरखा चलाती है।
ये जो छोटा धब्बा है,
ये अम्मा जी का ऐनक है,
ये पास में चरखा रक्खा है,
और टर्र टर्र करता मेढ़क है।
वो बूढ़ी अम्मा आएंगी,
बच्चों जब तुम सो जाओगे,
गर धोखे में आँखें बंद करो,
तो खूब पिटाई खाओगे।
एक मीठी मुस्कान लिए,
हम बच्चे फ़िर सो जाते हैं,
कोमल मन में सवाल लिए,
हम सपनों में खो जाते हैं।
चलो बच्चों अब सोना है,
नानी मां ने बतलाया,
वो किस्सा चाँद पर बुढ़िया का,
आज फ़िर हमको सुनाया।