एक स्‍कूल मास्‍टर हाथ में बेंत लिए हुए लड़कों को पढ़ा रहे थे.. बेंत सीधा कर बोले- “हमारे बेंत के कोने के रूबरू एक गधा बैठा है।”

वह लड़का जो बेंत के रूबरू बैठा हुआ था, बड़ा ढीठ था.. फौरन कह उठा – “मास्‍टर साहब बेंत के दो कोने होते हैं, आप किस कोने का जिकर करते हैं।”

मास्‍टर बेचारे शर्मिंदा हो चुप हो गए।

बालकृष्ण भट्ट
पंडित बाल कृष्ण भट्ट (३ जून १८४४- २० जुलाई १९१४) हिन्दी के सफल पत्रकार, नाटककार और निबंधकार थे। उन्हें आज की गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है। हिन्दी गद्य साहित्य के निर्माताओं में भी उनका प्रमुख स्थान है।