एक काला रंग चुनो
उसमें जो
लाल हरी नीली ऊर्जा है
उसे बाहर लाओ

उसमें जो
लगातार दौड़ रहे हैं घोड़े,
स्त्री, पुरुष, बच्चे
हँस रहे हैं,
उनके संग झुण्ड बनाकर
नाचो

एक पत्थर उठाओ
उसमें चेहरे हैं
शुरू करो उनसे
बातचीत का सिलसिला

है उसमें
पानी का विस्तार
वहाँ उतर जाओ,
कुछ आग बाक़ी होगी
इस अन्धेरे में ले आओ

एक
काला रंग चुनो
तुम एक पत्थर उठाओ।

नरेन्द्र जैन की कविता 'थोड़ी बहुत मृत्यु'

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