एक पीला पत्ता गिरता है
एक मज़दूर थककर गिरता है
एक आदमी भूख से गिरता है
एक राजा सत्ता के नशे में गिरता है
एक बच्चा चलना सीख रहा है
एक बच्चा चलने के यत्न में गिरता है
एक बच्चा—
गिरने में जो निराशा का भाव है
उसके पार जाता है।

रोहित ठाकुर
जन्म तिथि - 06/12/1978; शैक्षणिक योग्यता - परा-स्नातक राजनीति विज्ञान; निवास: पटना, बिहार | विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं बया, हंस, वागर्थ, पूर्वग्रह ,दोआबा , तद्भव, कथादेश, आजकल, मधुमती आदि में कविताएँ प्रकाशित | विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों - हिन्दुस्तान, प्रभात खबर, अमर उजाला आदि में कविताएँ प्रकाशित | 50 से अधिक ब्लॉगों पर कविताएँ प्रकाशित | कविताओं का मराठी और पंजाबी भाषा में अनुवाद प्रकाशित।