मैं लेना चाहता हूँ
सूरज से कुछ रोशनी
और बन जाना चाहता हूँ एक सुबह
जो किसी चिड़िया के चहचहाने की वजह बन जाए
चाँद से कुछ चमक ले लूँ,
और बन जाऊँ चमकती लहरें
जो किनारे पर जाकर
कछुओं के बच्चों को
अपनी गोद में बिठाकर
समंदर तक छोड़ आएँ
मैं रात से कुछ
अंधेरा भी लेना चाहूँगा
और बन जाना चाहूँगा एक नींद
जो बच्चों को सपनों की दुनिया में ले जा सके
मैं पेड़ों से उनकी शाखाएं चाहता हूँ,
कुछ समय के लिए
और बन जाना चाहता हूँ एक झूला
जिस पर एक बाप
अपने बच्चे को एक उड़ान का झोटा दे पाए
मैं परिंदों से
उनके पंख लेना चाहता हूँ
ताकि मैं एक लंबी उड़ान भर सकूँ
वही उड़ान
जो किसी गिलहरी ने अपने सपने में
देखी होगी!