सुनो एक बात कहनी है
मुझे तुमसे ही कहनी है

मेरे सपने ग़ज़ब उन्माद करते रोज़ रोते हैं,
कोई ख़ाली पड़ा एक जाम के बोतल के जैसा मैं,
मैं एक रोशन से कमरे में कोई क़ैदी के जैसा हूँ।

तुम्हारे हुस्न के आगे, मेरी यादों को रख दूँ तो,
मेरी यादें तुम्हारे हुस्न से भी खूबसूरत है।

तुम्हारी तेज सी आंखें कि जैसे कोई सिपी हो,
तुम्हारे जेसुएं जैसे कि छुईमुई के पत्ते है,
लहराती आँचल में तुम्हारे इन्द्रधनुष के रंग,
महकती तुम तो लगता है कि जैसे अभी इबादत की,
तुम्हारे आँख के साहिल पे जब आँसू टहलते है।
ज़रा नज़दीक होकर के, तुम्हें बाहो में लेकर के,
मैं जाना कह नहीं पाया मुझे तुमसे मोहब्बत है।

कहाँ ना मैं?
मेरी यादें तुम्हारे हुस्न से भी खूबसरत हैं।

सनम तुमने मोहब्बत की अलग रूदाद सुनाई थी,
मैं जब भी याद करता हूँ तो मैं खामोश हो जाता।

तुम्हें डर डर के चलते देखकर अरसा हुआ अब तो,
है मंज़िल पूरी अब भी पर सफर आधा सा लगता है।

कोई लम्हा जो ठहरा है मेरी यादों के खंडहर में
के बस वो चीख़ता रहता है और कहता है मुझसे की
‘नज़ारे हैं’, ‘नजरो से’ तू अब खुदको संभालेगा
ये दुनिया तेज कदमों से तेरे आगे निकल लेगी

मेरे सपने गजब उन्माद करते रोज़ रोते हैं,
कोई ख़ाली पड़ा एक जाम के बोतल के जैसा मैं,
मैं एक रोशन से कमरे में कोई क़ैदी के जैसा हूँ।