‘Summer in Calcutta : Radha-Krishna’ – Kamla Das
अनुवाद: ₹anjita
यह नदी, यह पुराना कदम्ब
आज, इसी क्षण से हमारा और सिर्फ हमारा होगा
हमारी भौतिक उपस्थिति के ऐलान जैसा,
और ये होगा, किसी दिन हमारी बेघर आत्माओं की वापसी के लिए
और उसी कदम्ब से किसी चमगादड़ की तरह उल्टा लटक जाने के लिए…