और किसी कवि की कविताई में
नहीं दिखते
हम-
किसी कहानी के किरदार
किसी राह के राही
किसी अजनबी के लिए कोई चेहरा
किसी बस की सवारी
या किसी प्रेमिका के प्रेमी
इनमें से कुछ भी हो सकते थे हम
पर हमें होना था
जंगल के आदम
जो नोच-नोच खाता है
अपने ही जाति के लोगों को!