अनंत के, अथाह के मध्य
शरीर के ज्ञात
आयतन की
संख्य ठोस सतहें हैं
परन्तु शुल्बसूत्रीय
मस्तिष्क के
अज्ञात घनफल की
थाह अगणित है
सांसारिक ज्यामिति
विषमतल है
और गणितीय हासिल
बहुभुज अशेष
अत: घनत्ववान होकर भी
माटी सम लचीला
द्रव्यमान हो जाना
तरल सी सरल भूमिति है!
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© मनोज मीक