हे कायाकाल के नये साल अभिनंदन
हे दयानिधान किस विधि करूँ मैं वंदन

हे भगवन किस विधि करूँ प्रणाम
नित नव बल देकर देते नव संग्राम

हे मात-पिता किस विधि करूँ आभार
सेवा रही अधूरी हमसे पूरा मिला दुलार

हे भ्राता-भगिनी किस विधि करूँ स्नेह
संग संग चलाता आया अद्भुत अपना नेह

हे वामांगिनी किस विधि करूँ अभिमान
मधुर दाम्पत्य का भार्या तुमसे ही सम्मान

हे वत्स कहो तुम किस विधि दूँ वरदान
सद्कर्म तुम्हारा गढ़े नित्य नये प्रतिमान

हे मीत तुम्हारा किस विधि करूँ अनुग्रह
कालनिधि का सबसे मूल्यवान तुम संग्रह

हे कायाकाल के नये साल अभिनंदन
हे दयानिधान किस विधि करूँ मैं वंदन!

मनोज मीक
〽️ मनोज मीक भोपाल के मशहूर शहरी विकास शोधकर्ता, लेखक, कवि व कॉलमनिस्ट हैं.