महुए के पीछे से झाँका है चाँद
पिया आ।
आँगन में बिखराए जूही के फूल
पलकों तक तीर आये सपनों के कूल
नयन मूँद लो, बड़ा बांका है चाँद
पिया आ।
बाँट गयी सान्झिल हवाएँ पराग
बाकी स्वर लौट गए, शेष वही राग
टेसू के फूल-सा टहका है चाँद
पिया आ।
प्रीत से नहाया है तन का हिरन
चुपके से चुनता है क्वाँरी किरण
जीतो तो इससे, लड़ाका है चाँद
पिया आ।