स्त्री का हृदय
और पुरूष का मन
धरती के हैं दोनो
सबसे अमुल्य धन
हृदय कि जैसे सागर
मन वेग के संग
एक ममता से परिपूर्ण
दूजा प्रबल अनंत
ममता जो करे समाहित
सारे भाव स्वयं में
हर बाधा-विध्न हटाये
प्रबलता अपने पथ में..
स्त्री का हृदय
और पुरूष का मन
धरती के हैं दोनो
सबसे अमुल्य धन
हृदय कि जैसे सागर
मन वेग के संग
एक ममता से परिपूर्ण
दूजा प्रबल अनंत
ममता जो करे समाहित
सारे भाव स्वयं में
हर बाधा-विध्न हटाये
प्रबलता अपने पथ में..