तुम अपने अक़ीदों के नेज़े
हर दिल में उतारे जाते हो
हम लोग मोहब्बत वाले हैं
तुम ख़ंजर क्यूँ लहराते हो

इस शहर में नग़्मे बहने दो
बस्ती में हमें भी रहने दो

हम पालनहार हैं फूलों के
हम ख़ुशबू के रखवाले हैं
तुम किस का लहू पीने आए
हम प्यार सिखाने वाले हैं

इस शहर में फिर क्या देखोगे
जब हर्फ़ यहाँ मर जाएगा
जब तेग़ पे लय कट जाएगी
जब शेर सफ़र कर जाएगा

जब क़त्ल हुआ सुर साज़ों का
जब काल पड़ा आवाज़ों का

जब शहर खण्डहर बन जाएगा
फिर किस पर संग उठाओगे
अपने चेहरे आईनों में
जब देखोगे डर जाओगे!

यह भी पढ़ें: अहमद फ़राज़ की नज़्म ‘मैं और तू’

Book by Ahmad Faraz:

अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ (१४ जनवरी १९३१- २५ अगस्त २००८), असली नाम सैयद अहमद शाह, का जन्म पाकिस्तान के नौशेरां शहर में हुआ था। वे आधुनिक उर्दू के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में गिने जाते हैं।