यह नज़्म यहाँ सुनें:
नस्लों में ख़ूँ की ख़ुश्बू फैलाने वाले
धर्म के नाम पे लड़ने और लड़ाने वाले
मेरे दोस्त नहीं हो सकते
पागल हो जाने वाले वहशी जज़्बों से
इस दर्जा बेज़ार मोहब्बत के रिश्तों से
भेड़ियों के हामी, जंगली कुत्तों के आशिक़
इतने घिनौने, इतने बुरे और इतने मुनाफ़िक़
मेरे दोस्त नहीं हो सकते
जो ज़ालिम के आगे सजदे में गिरते हों
ख़ून के क़श्क़े माथों पर लेकर फिरते हों
तालिब-इल्मों को अपना दुश्मन कहते हों
जाहिल राह-नुमाओं को मोहसिन लिखते हों
शमशानों, क़ब्रस्तानों को चमन कहते हों
मेरे दोस्त नहीं हो सकते
दिल में मज़हब का मीनार उगाने वाले
ख़्वाब में लाशों के अम्बार लगाने वाले
मेरी उम्मीदों का मद्फ़न हो सकते हैं
मेरे क़ातिल, मेरे दुश्मन हो सकते हैं
मेरे दोस्त नहीं हो सकते!
तसनीफ़ हैदर की नज़्म 'औरतो! रास्ता दिखाओ हमें'