विवरण: रंगकर्मी विशाल विजय के दो हिन्दी विसंगति नाटक ‘बार्किंग डॉग & पेइंग गेस्ट’।
महानगर में एक शान्त बगीचा और उसमें एकान्त खोजता पीटर, लेकिन पीटर कहाँ जानता था कि अपनी तमाम प्रश्नोत्तरी लिए उत्कर्ष वहीं आ जायेगा। उत्कर्ष का वाचिक अतिक्रमण पीटर को बार-बार अपने गृहकलेश की स्मृति में ले जाता है। यह संवाद दोनों की प्रतिष्ठा का सबब बन जाता है और नाटक को एक अप्रत्याशित अंजाम देता है।
तलाक़शुदा शोभना अपने फ्लैट में अकेली रहती है। वर्षा बतौर पेइंग गेस्ट शोभना के यहाँ रहती है। दोनों में घनिष्ठता हो जाती है। शोभना से प्रभावित वर्षा शोभना के पूर्व पति अंकुश से पूर्वाग्रहित है और यही पूर्वाग्रह अंकुश से पहली ही मुलाक़ात में सम्मोहन में बदल जाता है। पेइंग गेस्ट ऐसी ही खिन्नता, अवसरवाद और सम्बन्धों के बिखराव को दर्शाता है।
Publisher: Vani Prakashan
Format: Paper Back
ISBN: 978-93-874099-0-3
Author: Vishal Vijay
Pages: 92
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