nayi kitaab - dhalaan se utarte hue - nirmal verma

विवरण: निर्मल वर्मा के निबन्धों की सार्थकता इस बात में है कि वे सत्य को पाने की सम्भावनाओं के नष्ट होने के कारणों का विश्लेषण करते हुए उन्हें पुनः मूर्त करने के लिए हमें प्रेरित करते हैं। निर्मल वर्मा लिखते हैं कि समय की उस फुसफुसाहट को हम अक्सर अनसुनी कर देते हैं, जिसमें वह अपनी हिचकिचाहट और संशय को अभिव्यक्त करता है क्योंकि वह फुसफुसाहट इतिहास के जयघोष में डूब जाती है- निर्मल वर्मा के ये निबन्ध इतिहास के जयघोष के बरअक्स समय की इस फुसफुसाहट को सुनने की कोशिश हैं।

  • Format: Hardcover
  • Publisher: Vani Prakashan (2018)
  • ISBN-10: 9387648753
  • ISBN-13: 978-9387648753

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nayi kitaab - dhalaan se utarte hue - nirmal verma

 

पोषम पा
सहज हिन्दी, नहीं महज़ हिन्दी...