nayi kitaab gai jhulani toot

विवरण: उषाकिरण खान का यह नया उपन्यास गई झुलनी टूट उनकी प्रसिद्धि को एक कदम आगे लेकर जाता है। इसमें उन्होंने एक सीधा-सादा मगर मार्मिक सवाल उठाया है, ‘…जीवन केवल संग-साथ नहीं है। संग-साथ है तो वंचना क्यों है?’ इस रचना में उन्होंने सामान्य भारतीय परिवेश में एक स्त्री की जीवन-दशा का मार्मिक चित्रण किया है। वे अपने अनुभवों का इतना विस्तार करती हैं जैसे पूरा उपन्यास उनके आसपास जीवित किसी पात्र की दास्तान है। वे धरती की ध्वनियों को सुनती हैं और जीवन की जय-पराजय महसूस करती हैं।

  • Hardcover: 135 pages
  • Publisher: Kitabghar Prakashan; First Edition edition (2018)
  • Language: Hindi
  • ISBN-10: 8193615972
  • ISBN-13: 978-8193615973

इस किताब को खरीदने के लिए ‘गई झुलनी टूट’ पर या नीचे दी गयी इमेज पर क्लिक करें!

nayi kitaab gai jhulani toot

पोषम पा
सहज हिन्दी, नहीं महज़ हिन्दी...