nayi kitaab - ik safar sath sath - divya mathur

विवरण: प्रवासी साहित्य की जिन विशेषताओं स्मृति, अस्मिता के सवाल, प्रकृति, स्त्री विमर्श, स्त्री-पुरुष सम्बन्ध, पीढ़ियों के संघर्ष व द्वन्द्व, सभ्यतामूलक अन्तर्द्वन्द्व, रंगभेद, यांत्रिकता पर चर्चा होती है; वे सब विशेषताएँ किसी सायास प्रयास के तहत नहीं, बल्कि घटनाओं, स्थितियों, परिवेश, मनःस्थिति, रोचक चरित्रों के माध्यम से इस संकलन में प्रस्तुत हुई हैं। यह प्रतिनिधि महिला रचनाकारों की प्रतिनिधि कहानियाँ हैं। लगभग सभी साहित्य में एक मुकाम हासिल किये हुए। तो ये भाषा और साहित्य के दिग्गज हैं। हिन्दी, उर्दू, ब्रिटेन, यूरोप, अमेरिका, कनाडा, मध्यपूर्व, चीन की प्रतिनिधि हिन्दी रचनाकार स्त्रियाँ इसमें एक स्थान पर हैं। हिन्दी साहित्य को प्रवासी महिला कथाकारों के जिस प्रतिनिधि संकलन की तलाश थी, वह यही है।

संकलन की तमाम लेखिकाओं ने इस खूबसूरती और रोचकता से अपनी बात कही है, कि यह बातें और चरित्र केवल दस्तक नहीं देते, बल्कि आपके दिमाग में घर कर जाते हैं । यह कहानियाँ प्रवासी जीवन का रचनात्मक इतिहास प्रस्तुत करती हैं। अपने समय का असली आईना प्रस्तुत करती हैं। और यह आईना संघर्षों से निकली औरतों ने तराशा है, इसलिए प्रामाणिक है। प्रवासी भारतीय महिला कथाकारों के लेखन की यह ख़ुशबू आपकी साँसों में बस जाएगी। इस गुलदस्ते के सभी फूलों को प्रणाम। -अनिल जोशी

  • Format: Hardcover
  • Publisher: Vani Prakashan (2018)
  • ISBN-10: 938788922X
  • ISBN-13: 978-9387889224

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पोषम पा
सहज हिन्दी, नहीं महज़ हिन्दी...