अपने दोस्त ब को अपना हम-मज़हब ज़ाहिर करके उसे महफ़ूज़ मक़ाम पर पहुंचाने के लिए मिल्ट्री के एक दस्ते के साथ रवाना हुआ। रास्ते में ब जिसका मज़हब मस्लिहतन बदल दिया गया था। मिल्ट्री वालों से पूछा, “क्यूँ जनाब आस पास कोई वारदात तो नहीं हुई?”
जवाब मिला, “कोई ख़ास नहीं… फ़लां मोहल्ले में अलबत्ता एक कुत्ता मारा गया।”
सहम कर ब ने पूछा, “कोई और ख़बर…”
जवाब मिला, “ख़ास नहीं… नहर में तीन कुत्तियों की लाशें मिलीं।”
अ ने ब की ख़ातिर मिल्ट्री वालों से कहा, “मिल्ट्री कुछ इंतिज़ाम नहीं करती।”
जवाब मिल, “क्यूँ नहीं… सब काम उसी की निगरानी में होता है।”