Poems: Ajit Dhankhar
1
लिखने वाले के मन से
पढ़ने वाले के मन तक
शब्दों का सफ़र होता है,
कहने वाले के होठों से
सुनने वाले के कानों तक
लफ़्ज़ों का सफ़र होता है,
दृश्य इसी तरह पहुँचते हैं
आँखों तक,
देखना, सुनना, महसूस करना
सारी सांसारिक यात्राओं से
अधिक सुगम है
2
मैं लौटने के लिए नहीं लौटूँगा
यह बताने के लिए लौटूँगा
कि
मैं गया नहीं हूँ
3
पुरुष रोता है तो
माना जाता है बुज़दिल
और नहीं रोता तो संगदिल
पुरुष के दिल को आख़िर
दिल कब माना जाएगा?