चेन कुन लुन का जन्म दक्षिणी ताइवान के काओशोंग शहर में सन 1952 में हुआ। वह एक सुधी सम्पादक रहे हैं। चेन लिटरेरी ताइवान पत्रिका के संस्थापक सदस्यों में से हैं। दक्षिणी ताइवान के पर्यावरण विषयक मामलों में उनका गहरा हस्तक्षेप रहा है। उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उनकी कविताएँ सहज भाषा में आम वस्तुओं से प्रेम पर आधारित होती हैं। यहाँ प्रस्तुत सभी कविताओं का अंग्रेज़ी अनुवाद विलियम मार ने किया है। अंग्रेज़ी से इनका अनुवाद हिन्दी कवि देवेश पथ सारिया ने किया है।

पानी उबल रहा है

बर्तन में उबल रहा है पानी
भाग जाना चाहता है वह
पर चारों तरफ़ हैं
लोहे की दीवारें

इनकार करता
नाकाबन्दी सहन करने से
पानी का कुछ भाग
बन जाता है भाप
और उड़ जाता है
नीले आसमान की ओर

जलन के इस दर्द को सहता
बर्तन का पानी
रो पड़ता है आख़िरकार
देखकर
चाय पीने वाले को
जो कोशिश में है
अपनी प्यास बुझाने की।

ताज़ी हवा

एक विशाल एक्वेरियम में
उष्णकटिबंधीय जलवायु की रहवासी मछलियाँ
इकट्ठी हो रही हैं एक नली के सिरे पर
थोड़ी-सी ताज़ा हवा खाने के लिए।

तुम्हारे सिर से तीन इंच ऊपर

तुम्हारे सिर से तीन इंच ऊपर
एक ईश्वर है
जो हर वक़्त देखता रहता है तुम्हें

तुम जाते हो जहाँ कहीं भी
ईश्वर भी जाता है तुम्हारे साथ
उससे कभी छुटकारा नहीं पा सकते तुम

वह तुम्हारी हर हरकत पर नज़र रखता है
तब भी, जब तुम सो रहे होते हो
वह वाक़िफ़ है
तुम्हारी सपनों की दुनिया में
छिपे हुए रहस्यों से भी

वह लिख लेता है
जो भी कुछ तुमने किया है
बाक़ी नहीं छोड़ता वह
एक भी विवरण
जब तुम मर जाओगे
तुम्हारा निर्णय होगा
इसी बहीख़ाते के आधार पर।

ली मिन-युंग की कविताएँ

किताब सुझाव:

देवेश पथ सारिया
कवि-लेखक एवं अनुवादक। पुरस्कार— भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार (2023) प्रकाशित पुस्तकें— कविता संग्रह: नूह की नाव : साहित्य अकादेमी, दिल्ली से; A Toast to Winter Solstice. कथेतर गद्य: छोटी आँखों की पुतलियों में (ताइवान डायरी)। अनुवाद: हक़ीक़त के बीच दरार : ली मिन-युंग की कविताएँ; यातना शिविर में साथिनें : जाॅन गुज़लाॅव्स्की की कविताएँ। अन्य भाषाओं में अनुवाद/प्रकाशन: कविताओं का अनुवाद अंग्रेज़ी, मंदारिन चायनीज़, रूसी, स्पेनिश, बांग्ला, मराठी, पंजाबी और राजस्थानी भाषा-बोलियों में हो चुका है। इन अनुवादों का प्रकाशन लिबर्टी टाइम्स, लिटरेरी ताइवान, ली पोएट्री, यूनाइटेड डेली न्यूज़, स्पिल वर्ड्स, बैटर दैन स्टारबक्स, गुलमोहर क्वार्टरली, बाँग्ला कोबिता, इराबोती, कथेसर, सेतु अंग्रेज़ी, प्रतिमान पंजाबी और भरत वाक्य मराठी पत्र-पत्रिकाओं में हुआ है। हिंदी की लगभग सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन।