कम नहीं है

तुम्हारे अगले दाँतों के बीच में फाँक है
पर्याप्त है उतनी जगह
फलने को
जो हमारे बीच है

आकाश-भर की इच्छाएँ नहीं
एक पेड़ की चाहत है
जो छाया हुआ भी है
दिन-रात

शोर को संगीत समझने वालों से भरी है दुनिया
इस बीमार दौर में
सबसे सुंदर है वो संगीत
जो तुम्हारे सीने में बहत्तर बार बजता है

कम नहीं है कुछ
जो मिल रहा है तुमसे
सुखी हूँ पाकर; उतना ही।

तुम्हारे लिए मेरा प्रेम

तुमको लिखी सभी कविताओं में
भर-भर के कहना चाहा है कि
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
पर कह नहीं पाता
अटता ही नहीं कहीं भी
तुम्हारे लिए मेरा प्रेम—
पँक्तियों में तो बिल्कुल नहीं!

सम्भव ही नहीं हो पाया
किसी भी तरह,
बन ही न पाए बिम्ब
जो बता सकें चाहतों का कितना गहरा दरिया
आँखों में लिए फिर रहा हूँ

तुम घबराना मत!
दृश्य है जो, वो थोड़ा-सा है
अदृश्य का आसमान बहुत बड़ा होता है
कितना कुछ है जो देखा नहीं गया
कितना कुछ है जो देखा नहीं जा सकता
इसी न देखे जा सकने वाले
शब्दों में न बाँधे जा सकने वाले
अदृश्य एहसासों में से मेरा प्रेम है

पानी नहीं छोड़ता पेड़ों पर कोई निशाँ
भीतर बैठा रहता है प्राण बनकर
चुपचाप
प्यार करने का एक तरीक़ा ये भी है।

सुनो कवि कुछ कहता है!

इसी समय में
जिसमें तुम ऊब रहे हो
पल रहा है प्रेम किसी के सीने में
तुम्हारे लिए

गिर रही है धूप
फूल पर
आकुल है खिलने को
तुम्हारे लिए

चिड़ियाओं द्वारा गाए जा रहे हैं गीत
लिखे जा रहे हैं पत्र
तुम्हारे नाम से
बिल्कुल इसी समय में

जब तुम कुछ देखना नहीं चाहते हो
सज रहा है कोई
तुम्हारे लिए
इसी समय में।

होंठ कविता लिखते हैं

पीठ झरना है
होंठ छलककर नहाते हैं
छेड़ते हैं देह की रागिनी को
डूब-डूबकर,
रचते हैं
रस भरी कविताएँ

प्रेम की जिल्द में गुँथा चुम्बन
कविताओं का सबसे सुंदर संग्रह है।

नीरव की अन्य कविताएँ

Recommended Book: