मूल कविताएँ: चिलियन कवि निकानोर पार्रा
अंग्रेज़ी से अनुवाद: देवेश पथ सारिया
मैं अपना कहा सब कुछ वापस लेता हूँ
मृत्यु से पहले
इस अन्तिम इच्छा का अधिकारी तो हूँ मैं—
मेरे कृपालु पाठक
इस किताब को जला देना
यह वह सब कुछ नहीं जो मैं कहना चाहता था
हालाँकि इसे लिखा गया था ख़ून से
तब भी यह मेरा सटीक मन्तव्य नहीं
मुझे ही अफ़सोस है सबसे ज़्यादा
हार गया हूँ मैं अपनी परछाई से
मेरे ही शब्दों ने प्रतिशोध लिया मुझसे
मुझे माफ़ करना पाठक, मेरे अच्छे पाठक
यदि मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकता
एक गर्माहट-भरे आलिंगन के साथ
मैं तुम्हें छोड़ रहा हूँ
जबरन लायी गई उदास मुस्कुराहट के साथ
शायद यही है मेरा वास्तव
किन्तु सुनो मेरे अन्तिम शब्द—
जो कुछ मैंने कहा, मैं सब वापस लेता हूँ
दुनिया-भर की तमाम कड़वाहट के साथ
मैं वापस लेता हूँ सब कुछ जो मैंने कहा!
(अंग्रेज़ी अनुवाद: मिलर विलियम्स)
चेतावनियाँ
आग लगने पर
लिफ़्ट का इस्तेमाल मत करो
सीढ़ियाँ लो
जब तक कुछ और न कहा जाए
सिगरेट मत पियो
कचरा मत फैलाओ
यहाँ-वहाँ शौच मत करो
रेडियो मत बजाओ
जब तक कुछ और न कहा जाए
हर बार इस्तेमाल के बाद
शौचालय में फ़्लश करो
सिवाय
जब ट्रेन स्टेशन पर खड़ी हो
अगले मुसाफ़िर का ध्यान रखो
आगे बढ़ो ईसाई सैनिको
दुनिया-भर के कामगारो, इकट्ठे हो जाओ
खोने के लिए कुछ नहीं है
सिवाय हमारी ज़िन्दगी के
और इक़बाल बुलन्द करो
परमपिता का
और उसके पुत्र का
और पवित्र आत्मा का
जब तक और कुछ न कहा जाए
वैसे, यह भी स्पष्ट सत्य है
कि उस रचयिता के द्वारा ही
बनाया गया है सब मनुष्यों को
और अनुकम्पा स्वरूप दिए गए हैं
कुछ अपरिहार्य अधिकार
जिनमें शामिल हैं:
जीवन, स्वतन्त्रता और ख़ुश रहने की कोशिश
और अन्त में—
दो और दो होते हैं चार
जब तक कुछ और न कहा जाए।
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