प्यार करने के लिए
मेरे पास चार शब्द थे
घर, तुम, मैं और मुल्क
और इनके भी अपने प्रारब्ध थे।
घर बचाने के लिए
तेरे शहर किराये पर रहना पड़ा
घर छूट गया
तुमसे निभाने के लिए
ख़ुद से ही लड़ना पड़ा
और मैं टूट गया
मुल्क के ऐतिहासिक सौन्दर्य पर
हमारे भविष्य स्तब्ध थे
स्वप्नों का शब्दकोश बहुत बड़ा था
पर मेरे पास चार ही शब्द थे
और इनके भी अपने ही प्रारब्ध थे।
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