प्रेम को
चाहिए अभिव्यक्ति,
अभिव्यक्ति को
आज़ादी,
आज़ादी की
एक तय सीमा,
सीमा को
स्वच्छंदता की उम्मीद,
उम्मीद को
नया आसमान,
आसमान जिस पर
सबका हक़ है,
हक़ सबको
मंज़ूर नहीं है,
जहाँ मंज़ूरी नहीं
वहाँ प्रेम का मरना
नियति है…
©®अमनदीप/विम्मी
प्रेम को
चाहिए अभिव्यक्ति,
अभिव्यक्ति को
आज़ादी,
आज़ादी की
एक तय सीमा,
सीमा को
स्वच्छंदता की उम्मीद,
उम्मीद को
नया आसमान,
आसमान जिस पर
सबका हक़ है,
हक़ सबको
मंज़ूर नहीं है,
जहाँ मंज़ूरी नहीं
वहाँ प्रेम का मरना
नियति है…
©®अमनदीप/विम्मी