“उसका हाथ थामना ऐसा था जैसे किसी तितली को पकड़ना या फिर धड़कनों को थाम लेना
सम्पूर्ण और जीवंत…”
– रेनबो रॉवेल
“उंगली पर गिने जा सके दिनों में तुमने मुझे मेरा ‘हमेशा’ बख़्शा।
शुक्रिया, दोस्त!
– जॉन ग्रीन
“सिर्फ उसके करीब होना काफी था तबतक,
जबतक कि उसे एहसास नहीं हुआ कि वो जहाँ से खत्म होता है, वहाँ से वो शुरू होती है!”
– तोल्स्तोय
“मैं चाहता हूँ कि तुम ये जान लो
कि तुम
मेरी आत्मा का आखिरी संगीत हो
आखिरी स्वप्न…”
“हर तर्क के परे
मैंने उसे प्रेम किया
तब भी जब वो खिलाफ था
खुशी, शांति, आशा, तर्क और निराशा के…”
– चार्ल्स डिकेन्स
“हर बार बीतती हो तुम मुझमें,
सारा का सारा…”
– एडिथ व्हार्टन
(अनुवाद: ₹anjita)