सबसे ज़रूरी सवाल यही है मेरे लिए
क्या हमारे बच्चों को भर पेट दूध मिल रहा है
सबसे ज़रूरी सवाल यही है कि
क्या प्रसूति माओं को मिल रहा है हल्दी-छुहारे का हलवा
और दादा-दादी को हर रात दूध में रोटी?
सबसे ज़रूरी सवाल यही है मेरे लिए कि
हमारे नौजवान काम से लौटते थके तो नहीं ज़्यादा?
क्या हर बीमार के सिरहाने रक्खा है अनार
और हर बीमार को वही इलाज जो देश के प्रधान को?
सबसे ज़रूरी सवाल यही है मेरे लिए कि इतने लोग
भादों की रात में भीग क्यों रहे हैं
कहाँ गए वे लोग इन बस्तियों को छोड़कर
हमारी गौवें क्यों खड़ी हैं कूड़े के ढेर में
इस अँधेरी रात में किसने फेंका मेरी माँ को घर से बाहर?
जिस देश में भूखे हों बच्चे, माँएँ और गौवें
उस देश को धरती पर रहने का हक़ नहीं।
अरुण कमल की कविता 'तुम चुप क्यों हो'