क्या सच वही है जो दिखता है?
क्या सच वही है जो सुनता है?
क्या सच वही है जो झूठ नहीं है?
क्या सच का वर्ण-रूप नहीं है?
अस्तित्व सच का निर्विवादित रहेगा
पर क्या सच अपरिभाषित रहेगा?
सच की खोज में कौन गया है?
क्या लौट आया है यदि गया है?
सच को किसने सही कहा है?
क्या देखा-सुना वही कहा है?
सच सुन्दर मर्यादित रहेगा
पर क्या सच अपरिभाषित रहेगा?
सच को जिसने कटु कहा है?
उस वाणी में क्या मधु रहा है?
सच में मारे है झूठ कुलाँचे
जैसे पूर्वज लिख दे और वंशज बाँचे
सच शोभित अलंकारित रहेगा
पर क्या सच अपरिभाषित रहेगा?
चाहिए सच को अवलम्ब किसका?
बाहर लाओ, है भय-भ्रम किसका?
सच को ईश का मार्ग कहा है
पर समझ तो आये कि सच क्या है?
सच शाश्वत निरंकारित रहेगा
पर क्या सच अपरिभाषित रहेगा?