‘Sachche Bachche’, poems by Prita Arvind
1
स्कूल की मैडम ने
आँख दिखाकर पूछा-
‘होम वर्क क्यों नहीं किया?’
बच्चे ने आँखें नीचीं कर बताया-
‘मम्मी ने पापा को कहा था
लेकिन पापा को टाईम नहीं था
आइ पी एल जो चल रहा था’
2
उस दिन टीचर जी हार गए
उनके किसी सवाल का
कोई जवाब उन्हें नहीं मिला
मनु चुप-चुप ही रहा
उसकी आँखें भरी थीं
उसके दोस्तों ने उसके साथ
खेलने से मना कर दिया था
आज नियम के अनुसार
नया बॉल लाने की बारी
उसकी थी लेकिन वो
बॉल ला नहीं पाया
बॉल नहीं तो खेल नहीं
पापा समझते क्यूँ नहीं!
3
पापा कहते हैं
खेल-कूद से क्या होता है
पढ़ाई करो, कुछ बनकर दिखाओ
मैं कहता हूँ मुझे खेलना है
धोनी बनना है, नाम कमाना है
रोज़ी-रोटी नहीं चलाना है
मैं और मेरे पापा
अलग-अलग मिट्टी से
बने हैं, अलग-अलग
रास्तों पर चलना है
मुझे और मेरे पापा को!