आप जानते हैं
रॉल्फ़ फ़ाइंस को?

“तुम जानते हो कौन…
वो, जिसका नाम नहीं लिया जाना चाहिए!”

हाँ वही,
जो वॉल्डेमॉर्ट बने थे हैरी पॉटर में
जिसे देख काँप उठती थी
बच्चों की रूह

रॉल्फ़ मुझे दिखे
वॉल्डेमॉर्ट के गेटअप में
पर अभी प्रविष्ट नहीं हुए थे वे
किरदार की रूह में
उस समय, मेरे सपने में
वे रॉल्फ़ फ़ाइंस ही थे

वे कुर्सी पर बैठे हुए थे
मैं मण्डराता रहा उनके पास
जितनी बार रॉल्फ़ दिखे, सहज दिखे
अभिवादन का विनम्रता से जवाब दिया

सपने में जब
शूटिंग ख़त्म हुई उस दिन की
वे घर जाने के लिए तैयार हो रहे थे
अभी मेकअप चेहरे से हटाना था शेष
उन्होंने मुझे देखा
और
पहचानकर अलविदा कहा

मैंने उनसे कहा
आप इतने अच्छे हैं रॉल्फ़
अगर कभी चुनने को कहा गया
हैरी पॉटर और वॉल्डेमॉर्ट के बीच,
मैं वॉल्डेमॉर्ट को वोट दूँगा

यह सुनकर रॉल्फ़
एकदम से बेचैन हुए
बोले—
“नहीं, नहीं…
वोट हैरी को ही देना,
हमेशा, हैरी ही को जीतना चाहिए!”

देवेश पथ सारिया की कविता 'ईश्वर (?) को नसीहत'

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देवेश पथ सारिया
हिन्दी कवि-लेखक एवं अनुवादक। पुरस्कार : भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार (2023) प्रकाशित पुस्तकें— कविता संग्रह : नूह की नाव । कथेतर गद्य : छोटी आँखों की पुतलियों में (ताइवान डायरी)। अनुवाद : हक़ीक़त के बीच दरार; यातना शिविर में साथिनें।