प्रेम
दो प्रेमी
मिले, बिछड़कर फिर मिल गए
जैसे कि होंठ
‘प्रेम’ का उच्चारण करते समय!
नींद और ख़्वाब
एक-दूसरे से कुछ ही दूर पर खड़े
नींद और ख़्वाब
लेकिन आज तक
न ख़्वाब ने देखी नींद
न नींद ने देखा ख़्वाब
नये युग के कवि
दुनिया वालों तुम
प्रकृति के सौंदर्य को मत मिटाओ
या मिटाओ तो कोई निशानी मत छोड़ना
इस युग के कवि भरे बैठे है
एक नया उपन्यास रचने को!