मेरा इतना सा काम कर दो,
सियासत इंसानों के नाम कर दो।
हममें तुममें मोहब्बत रहे,
बाकी सब नीलाम कर दो।
सुबह की धूप आंगन को छुए,
ऐसा कुछ इंतजाम कर दो।
सुकून के दो पल क्यूं हो नसीब,
जंग का तुम ऐलान कर दो।
एक अर्सा हुआ तुमको मिले,
एक बहाना बेनाम कर दो।