सॉरी

छुरी पेट चाक करती हुई नाफ के नीचे तक चली गई।

इजारबंद कट गया।

छुरी मारने वाले के मुँह से पश्चात्ताप के साथ निकला- “च् च् च्… मिशटेक हो गया!”

रियायत

“मेरी आँखों के सामने मेरी बेटी को न मारो…”

“चलो, इसी की मान लो… कपड़े उतारकर हाँक दो एक तरफ…”

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सआदत हसन मंटो
सआदत हसन मंटो (11 मई 1912 – 18 जनवरी 1955) उर्दू लेखक थे, जो अपनी लघु कथाओं, बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और चर्चित टोबा टेकसिंह के लिए प्रसिद्ध हुए। कहानीकार होने के साथ-साथ वे फिल्म और रेडिया पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने बाइस लघु कथा संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह, रचनाओं के तीन संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह प्रकाशित किए।