Tag: A poem by a son

Subhadra Kumari Chauhan

यह कदम्ब का पेड़

यह कदम्ब का पेड़ | Yah Kadamb Ka Ped यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले...
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