Tag: A poem on bird

अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

'Ab Yeh Chidiya Kahan Rahegi', Bal Kavita by Mahadevi Verma आँधी आयी ज़ोर-शोर से, डालें टूटी हैं झकोर से। उड़ा घोंसला अण्डे फूटे, किससे दुःख की बात कहेगी! अब यह चिड़िया...

बया हमारी चिड़िया रानी

बया हमारी चिड़िया रानी! तिनके लाकर महल बनाती, ऊँची डाली पर लटकाती, खेतों से फिर दाना लाती, नदियों से भर लाती पानी। तुझको दूर न जाने देंगे, दानों से आँगन...
Shridhar Pathak

कोयल

कुहू-कुहू किलकार सुरीली कोयल कूक मचाती है, सिर और चोंच झुकाए डाल पर बैठी तान उड़ाती है। एक डाल पर बैठ एक पल झट हवा से...
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