Tag: A poem on farmers

Maithili Sharan Gupt

किसान

हेमन्त में बहुदा घनों से पूर्ण रहता व्योम है पावस निशाओं में तथा हँसता शरद का सोम है हो जाए अच्छी भी फ़सल, पर लाभ कृषकों...
Farmers

व्यस्तता

साहेब से मिलने किसान आया है साथ में रेहु मच्छली भी लाया है साहेब व्यस्त हैं कुछ लिखने-पढ़ने में बीच-बीच में चाह की घूंट भी ले लेते...
Ox, Village, Farmer

बस इतना

'Bas Itna', a poem by Abdul Malik Khan मैंने कब कहा कि मुझे कबाब बिरियानी और काजू किशमिश का कलेवा दो तीखी सुगन्ध से सराबोर सतरंगी पोशाक दो, मैंने...
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