Tag: A poem on India

Zafar Ali Khan

हिन्दोस्तान

नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है मुझ को अगर है इश्क़ तो हिन्दोस्ताँ से है तहज़ीब-ए-हिन्द का नहीं चश्मा अगर अज़ल ये मौज-ए-रंग-रंग फिर...
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