Tag: a Poem on Partition and Nostalgia
ओ देस से आने वाले बता
ओ देस से आने वाले बता
किस हाल में हैं यारान-ए-वतन
आवारा-ए-ग़ुर्बत को भी सुना
किस रंग में है कनआन-ए-वतन
वो बाग़-ए-वतन फ़िरदौस-ए-वतन
वो सर्व-ए-वतन रैहान-ए-वतन
ओ देस से आने...