Tag: A poem on prose

Trilochan

गद्य-वद्य कुछ लिखा करो

गद्य-वद्य कुछ लिखा करो। कविता में क्या है। आलोचना जगेगी। आलोचक का दरजा – मानो शेर जंगली सन्नाटे में गरजा ऐसा कुछ है। लोग सहमते हैं। पाया...
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