Tag: Abhishek Mishra
सपना
कल रात देखा एक सपना
और सपने में एक चेहरा
बढ़ता हुआ अपनी तरफ़
चमकदार रौशनी लिए हुए
एक अजीब सी कशमकश
के साथ छोड़ गया मुझे वो
बीच सपने...
तुम्हारे ख़्वाब में बिखरे नज़ारे याद आते हैं
तुम्हारे ख़्वाब में बिखरे नज़ारे याद आते हैं
तुम्हारी शान से लिपटे सितारे याद आते हैं
तुम्हारी आँख के जंगल में काजल की ये पगडण्डी
मुझे इस...
छतों को सर चढ़ा कर के रखा है
छतों को सर चढ़ा कर के रखा है
दीवारों ने बिगाड़ा मामला है
करो मालूम कि क्या माजरा है
क्यों सबके सर पे ये टीका लगा है
तुम्हें मुझपे...
कितना वक़्त लगाया तुमने आने में
कितना वक़्त लगाया तूने आने में
उलझे मन के धागों को सुलझाने में
कुछ छोटी सी बातों को ठुकराने में
एक ज़रा सी बात पे रूठे इस...
विचार
बच्चों की हर गलती
में संस्कार माँ-बाप के बुरे नहीं
होते, एक समय के बाद ये
समाज भी संस्कार प्रदान करने
लगता है...
एक उम्र के बाद बच्चे
जन्म देने...
हवाओं की सदाएँ सुन सके तो सुन ज़रा ज़ालिम,
हवाओं की सदाएँ सुन सके तो सुन ज़रा ज़ालिम,
है तुझमें ज़ोर तो आकर के मुझपे आज़मा ज़ालिम।
ये तेरी जुर्रतें मुझको बड़ी बेबस सी लगती हैं,
ख़ुदा...
कोशिश है सुधरने की
मैं हर रोज़ खोजता
हूँ ख़ुद में सच्चाई,
सच्चाई जो हर रोज़ खो
जाती है भीड़ में कहीं,
या वो लोग चुरा लेते हैं मुझसे,
जिन्हें उसकी आदत नहीं..
मैं...
आदियोगी
उड़ चले आकाश की गहराइयों में घूमने जब,
दिप्त इस ब्रम्हांड की परछाइयों को चूमने जब,
मन को मांजे राख से और रग में गंगा जल...
गुज़र आखिरी है
गुज़र आखिरी है, बसर आख़िरी है,
दुआओं का तेरी असर आख़िरी है,
नहीं मिल सकेंगे अगर अबकि बिछड़े
के चलता हूँ मैं अब सफर आख़िरी है,
मेरी याद...
दिल की बेचैनी बढ़ाकर दिल लगाना सीखिए
दिल की बेचैनी बढ़ाकर दिल लगाना सीखिए,
ज़िन्दगी जीना है ग़र तो मुस्कुराना सीखिए,
इश्क़ के दरिया में कोई नाव है चलती नहीं
पार जाना है अगर...