Tag: Ahmad Nadeem Qasmi

Ahmad Nadeem Qasmi

अब तो शहरों से ख़बर आती है दीवानों की

अब तो शहरों से ख़बर आती है दीवानों की कोई पहचान ही बाक़ी नहीं वीरानों की अपनी पोशाक से हुश्यार कि ख़ुद्दाम-ए-क़दीम धज्जियाँ माँगते हैं अपने गरेबानों...
Ahmad Nadeem Qasmi

तुझे खोकर भी तुझे पाऊँ जहाँ तक देखूँ

तुझे खोकर भी तुझे पाऊँ जहाँ तक देखूँ हुस्न-ए-यज़्दाँ से तुझे हुस्न-ए-बुताँ तक देखूँ तूने यूँ देखा है जैसे कभी देखा ही न था मैं तो दिल...
Ahmad Nadeem Qasmi

रेस्तोराँ

रेस्तोराँ में सजे हुए हैं कैसे-कैसे चेहरे क़ब्रों के कत्बों पर जैसे मसले-मसले सहरे इक साहिब जो सोच रहे हैं पिछले एक पहर से यूँ लगते हैं...
Ahmad Nadeem Qasmi

कौन कहता है कि मौत आयी तो मर जाऊँगा

कौन कहता है कि मौत आयी तो मर जाऊँगा मैं तो दरिया हूँ, समुंदर में उतर जाऊँगा तेरा दर छोड़ के मैं और किधर जाऊँगा घर में...
Ahmad Nadeem Qasmi

एक दरख़्वास्त

ज़िन्दगी के जितने दरवाज़े हैं, मुझ पे बंद हैं देखना— हद्द-ए-नज़र से आगे बढ़कर देखना भी जुर्म है सोचना— अपने अक़ीदों और यक़ीनों से निकलकर सोचना...
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