Tag: Anamika
अयाचित
मेरे भण्डार में
एक बोरा ‘अगला जनम’
‘पिछला जनम’ सात कार्टन
रख गई थी मेरी माँ।
चूहे बहुत चटोरे थे
घुनों को पता ही नहीं था
कुनबा सीमित रखने का...
पतिव्रता
जैसे कि अंग्रेज़ी राज में सूरज नहीं डूबा था,
इनके घर में भी लगातार
दकदक करती थी
एक चिलचिलाहट।
स्वामी जहाँ नहीं भी होते थे
होते थे उनके वहाँ पँजे,
मुहर,...
कुछ तो
कुछ तो हो!
कोई पत्ता तो कहीं डोले
कोई तो बात होनी चाहिए अब ज़िन्दगी में
बोलने में समझने जैसी कोई बात
चलने में पहुँचने जैसी
करने में हो जाने...
चौका
मैं रोटी बेलती हूँ जैसे पृथ्वी।
ज्वालामुखी बेलते हैं पहाड़।
भूचाल बेलते हैं घर।
सन्नाटे शब्द बेलते हैं, भाटे समुंदर।
रोज़ सुबह सूरज में
एक नया उचकुन लगाकर,
एक नयी धाह...
मौसियाँ
वे बारिश में धूप की तरह आती हैं—
थोड़े समय के लिए और अचानक!
हाथ के बुने स्वेटर, इन्द्रधनुष, तिल के लड्डू
और सधोर की साड़ी लेकर
वे...
प्रेम के लिए फाँसी
मीरा रानी तुम तो फिर भी ख़ुशक़िस्मत थीं,
तुम्हें ज़हर का प्याला जिसने भी भेजा,
वह भाई तुम्हारा नहीं था
भाई भी भेज रहे हैं इन दिनों
ज़हर के...
ओढ़नी
मैट्रिक के इम्तिहान के बाद
सीखी थी दुल्हन ने फुलकारी!
दहेज की चादरों पर
माँ ने कढ़वाए थे
तरह-तरह के बेल-बूटे,
तकिए के खोलों पर 'गुडलक' कढ़वाया था!
कौन माँ नहीं...