Tag: Ankit Nayak
प्रेम करना गुनाह नहीं है
हम सामाजिक परम्पराओं से निर्वासित हुए लोग थे
हमारे सर पर आवारा और उद्दण्ड का ठीकरा लदा था
हम ने किसी का नुक़सान नहीं किया था
न ही नशे में गालियाँ...
शहर और साईकिल
बाबा हमेशा कहा करते हैं
अच्छा और बुरा का सन्तुलन सदियों से चलता रहा है
पहले जब शहर शैशवावस्था में था, हर ओर गाँव थे
अच्छे लोग बुरे...
अंतिम अपूर्ण कविता
तुम्हारे सम्पूर्ण शरीर के अर्ध भाग पर
लिखूँगा... मैं एक अपूर्ण कविता....
संसार जानेगा उसे अप्रत्याशित कविता...
अधूरे प्रेम की कसक के गर्भ से निकलेगी
...अतृप्त कविता।
सारा ब्रह्मांड केवल एक नेत्र के अनंत में
समा...